प्रतापगढ़ में अपराधियों के हौंसले वैसे ही बुलंद है. छोटी-मोटी बात पर एक-दुसरे की जान लेना आम हो चला है. यहाँ एक वकील पर हमले का मामला सामने आया है. वकील रमेश शर्मा को सुचना मिली कि गायों से भरा एक ट्रक मध्यप्रदेश के मंदसौर की ओर जा रहा है. यह ट्रक गुजरात नम्बरी है और इसे गुजरात का ही एक युवक चला रहा है, जो इसे गुजरात कत्लखाने ले जा रहा है. ऐसे में वकील ने खुद उस ट्रक का पीछा करना शुरू किया. वकील ट्रक का पीछा करते-करते मध्यप्रदेश की सीमा में जा पहुंचे. जहाँ अपराधियों ने ट्रक कच्चे रास्ते पर मोड़ लिया और उज्जैन की तरफ ले जाने लगा. पुलिस ने नाकाबंदी की, तो ट्रक नाकाबंदी तोड़ फरार हो गया. लेकिन वकील से ट्रक का पीछा जारी रखा.
अपराधियों को जब यह लगा की यह शख्स उनका आखिर तक पीछा करने वाला है, तो उन्होंने अपने अन्य साथियों को बुलाया. इसके बाद उन्होंने ट्रक को पलटाया, और वकील पर चढाने की कोशिश की. अपनी जान पर बन आई देख वकील उल्टे पाँव लौटने लगे, और एक पत्थर से टकरा पर उसकी गाडी भी क्षतिग्रस्त हो गई. इस दरमियान आरोपी के अन्य साथी अपनी गाडी से वकील का पीछा करने लगे. वकील भागता-बचाता एक गाँव में जा पहुंचे, जहाँ किसी घर में छुप कर शरण ली. इसके बाद वकील के न मिलने पर अपराधी फरार हो गए.
बात यहीं ख़त्म नहीं हुई, वकील का कहना है कि जब वे पुलिस थाने मामला दर्ज कराने पहुंचे, तो पुलिस ने मामला दर्ज करने से भी मना कर दिया. आखिरकार कोर्ट के आदेश पर थाने में मामला दर्ज हुआ. कार्रवाई की मांग को लेकर जिले भर के वकीलों ने जिला कलेक्टर के निवास पर कलेक्टर से मुलाक़ात की.
वकीलों पर हमले का यह पहला मामला नहीं है. पहले भी नामी वकील गिरिराज जोशी की हत्या ऐसे ही किसी मामले में हो चुकी है. इस घटना से एक बात और साफ़ हो गई... कि अपराधियों में पुलिस का नाम-मात्र भी खौफ नहीं है, और पुलिस भी मामले दर्ज न कर आरोपियों का साथ दे रही है...
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